धर्म

पिताश्री का गुलाब

अब भी खूब खिलता है मेरे आंगन का लाल गुलाब याद दिलाता है पिताश्री का जो इसके बानी थे और मेरे भी… उस समय मैं नहीं था जब उन्होंने लगाई थी दशकों पहले इसकी कलम गुलाब था आज भी है सदा सर्वदा रहेगा क्योंकि गुलाब के बिना जीवन नहीं यह Read more…