खासमखास

संघर्षों में जीवन रस की तलाश है ” सोख़्ता “

अनुभूतियों और संवेदनाओं के कुशल व ख़ूबसूरत चितेरे, हिन्दी के प्रतिष्ठित रचनाकार अख़लाक़ अहमद ज़ई का उपन्यास ” सोख़्ता ” कमाल का है | इसे लघु उपन्यास कहना बेमानी है | इसमें उपन्यास के सभी गुण मौजूद हैं , जो इसे प्रौढ़ता और दीर्घता की ओर ले जाते हैं | Read more…