साहित्य
लघु कथा/ साकार उक्ति
ज्वारभाटा आया और तेज़ी के साथ चला भी गया | मूँगे, घोंघे, मछली, सीप और कछुए आदि की जातियों – प्रजातियों को रेतीला आवास देकर वापस हो गया ! अब बहुत – से भुक्खड़ पक्षी, जिनमें कौए अधिक थे, टूट पड़े और ‘ जीवः जीवस्य भोजनम ‘ की उक्ति साकार Read more…