साहित्य

दो कविताएं

( 1 ) तारीख़ ……… हर दिन की नई सुबह नई तारीख़ लाती थी नई आशाओं के साथ सुबह होते ही अपना चेहरा दिखाती थी कभी कैलेंडर तो कभी अख़बार में टी वी और रेडियो में सुबह से देर रात तक वही तारीख़ … परत दर परत ….. एक दिन Read more…

सामाजिक सरोकार

दो कविताएं —

( 1 ) वर्षा का गांव …………… जैसलमेर से आगे मरुस्थल का गांव तपती दुपहरी ठहरते नहीं पांव दूरस्थ दिशा में रेतीले खंडहर में गहराता पतझड़ स्थल मरुस्थल वर्षा का गांव। ….. वाईपेन से आगे जलनिधि की छांव उगते पहाड़ गिरती बर्फ प्रचंड ग्रीष्म नौका का पिघलना तुषार – कण Read more…