सामाजिक सरोकार

मेरे शब्द जब सुनना …

मेरे शब्द जब सुनना … …………………….. एक निवेदन… एक आग्रह… मेरे शब्द जब सुनना तो ज़रूर आना कविता बनके आएं या नज्म गीत बनके आएं या ग़ज़ल कहानी बनके आएं या उपन्यास ख़बर बनके आएं या फीचर पत्र बनके आएं या अग्रलेख मधुरस घोलें या गरल बिखेरें उस हाल में Read more…