अतिथि लेखक/पत्रकार

लीक से हटकर ” लालटेनगंज “

” लालटेनगंज ” पढ़ डाली | लीक से थोड़ा हटकर है यह | इसमें अख़लाक़ अहमद ज़ई की 15 कहानियां हैं, जिन्हें वे प्रतिनिधि मानते हैं अर्थात अपनी विभिन्न शैली – शिल्प का अगुआ ! शीर्षक अच्छा है , वरना प्रतिनिधि कहानियों की भीड़ में खोने का ख़तरा और अंदेशा Read more…